Animal Husbandry : Terminology

पशुपालन की शब्दावली | Animal Husbandry : Terminology

पशुपालन में पशुपालन शब्दावली की महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है जो की पशुपालन का अध्ययन करने में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं।

पशुपालन (Animal Husbandry):-
➤ पशुओं के प्रबंधन की एक ऐसी कला जिसमें पशुओं के आवास, आहार, प्रजनन एवं स्वास्थ्य व देखभाल करते हुए अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जाता है।

➤ केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री - नरेन्द्र सिंह तोमर (2023)
➤ केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन मंत्री - परषोत्तम रूपाला (2023)
➤ राजस्थान कृषि मंत्री - लालचंद कटारिया (2023)
➤ राजस्थान कृषि विभाग, पशुपालन विभाग एवं मत्स्य पालन विभाग मंत्री - लालचंद कटारिया (2023)
➤ सर्वप्रथम मनुष्यों द्वारा पालने का प्रथम उद्देश्य - भोजन प्राप्ति (पशुपालन की उत्पत्ति - 6000 ईसा पूर्व

पशुपालन की शब्दावली


1. चयन (Selection) :- किसी झुण्ड में से अपने उद्देश्य की प्राप्ति हेतु उत्तम व इच्छित गुणों वाले पशु को चुनकर अलग करना चयन कहलाता है।

2. कलिंग (Culling ) :- बीमार पशु को स्वस्थ पशुओं से चुनकर अलग करना कलिंग कहलाता है।

3. डोकिंग (Docking) :- एक से दो सप्ताह की उम्र में भेड़ व अन्य पशुओं की पूंछ काटने की क्रिया डोकिंग कहलाती है।

4. फ्लसिंग (Flushing ) :- गर्भित भेड़ को ब्याने से 3-4 सप्ताह पूर्व दिया जाने वाला अतिरिक्त या सान्द्रित आहार फ्लसिंग कहलाता है।

5. डिबीकिंग (Debeaking ) :- मुर्गियों में एक माह की आयु में चोंच काटने की क्रिया ।
➤ ऊपरी चोंच - 1/4 भाग
➤ निचली चोंच - 1/8 भाग
➤ चोंच काटने का यंत्र - डिबीकर

6. डिवर्मिंग (Deworming ) :- मुर्गियों को उनके पेट व आंतों में पाये जाने वाले कृमियों से मुक्त करना डिवर्मिंग कहलाता है।
➤ पहली डिवमिंग - 4.5 माह की उम्र पर
➤ दूसरी डिवमिंग - 6 माह

7. केनाबोलिज्म :- मुर्गियों का एक दूसरे पक्षी को चोंच मारकर घायल करना केनाबोलिज्म कहलाता है।
➤ NaCl की कमी के कारण

8. केपोनाइजेशन (बधियाकरण) :- मुगों की प्रजनन क्षमता समाप्त या बधियाकृत करना ।
➤ बधियाकृत नर मुर्गा केपेन' कहलाता है।
उद्देश्य :- अधिक मांस प्राप्त करना ।
➤ यह क्रिया 10 माह के मुगों में करते है।
➤ मुर्गो को बधियाकृत करने में डाई ईथाइल स्टिल वेस्टॉल हार्मोन प्रयोग किया जाता है।

9. डिसबडिंग / डिहार्निंग :- पशुओं के सींगों को हटाना डिसबडिंग / डिहार्निंग कहलाता है।
➤ यह क्रिया 7-15 दिन की आयु में की जाती है।
➤ डाउन कवर:- गर्भावस्था में बछड़ा देने के 15 दिन पूर्व के अनुमानित समय को डाउन कवर कहते है ।

11. स्टिमिंग अप :- ब्याने वाले पशु की अनुमानित तिथि से 6 सप्ताह पूर्व जो खिलारी पिलारी की जाती है, उसे स्टिमिंग अप कहते है।

12. कास्टिंग :- विभिन्न क्रियाओं जैसे ( दवाई देना, इंजेक्शन देना, खुर काटना, सींग रोधन) हेतु पशुओं का जमीन के दांरी तरफ गिराना कास्टिंग कहलाता है।
विधि - 1. रियूफ विधि 2. बुरलेज विधि

13. ब्रॉयलर :- माँस उत्पादन हेतु पाले जाने वाली मुर्गियाँ ब्रॉयलर कहलाती हैं।
➤ उम्र :- 2 माह या 6 से 8 सप्ताह
6 सप्ताह के चूजे का शरीर भार - 1.5Kg

14. रोस्टर्स :-  9 से 12 सप्ताह के चूजे ।

15. लेयर्स :- अण्डा हेतु पाले जाने वाली मुर्गियाँ । (5-6 माह बाद अण्डा उत्पादन प्रारम्भ)
➤ 72 वें सप्ताह बाद मुर्गियाँ अण्डे देना बंद कर देती है, जिसे 'ब्रूही हेन कहते हैं।

16. ग्रोअर मैनेजमेंट :- चूजों के 8 सप्ताह की आयु से उत्पादन, आयु तक के पालन पोषण को ग्रोअर मैनेजमेंट कहते है।

17. टीजर बुल:- नसबंटीकृत नर सांड को टीजरबुल कहते है ।
➤ उपयोग - मादा पशु में मदकाल का पता लगाने हेतु उपयोगी ।

18. डम्ड पेल :- दूध निकालने हेतु काम में ही जाने वाली छोटे मुहं वी बाल्टी ।

19. ग्रुमिंग :- पशु के बालों व त्वचा को ब्रश से साफ करने की ही खुरहरा / ग्रुमिंग कहते है ।
➤ उद्देश्य - रक्त संचार बढ़ाने, परजीवी संक्रमण से बचने व स्वच्छ दूध उत्पादन |

20. ग्रिट :- मुर्गियों की पाचन शक्ति टीक बनाये रखने के लिए जो संगमरमर के छोटे- छोटे टुकड़े पक्षियों को खिलाये जाते हैं, उन्हें ग्रिट कहा जाता है।

21. केथीटर :- पशुओं में पेशाब को बाहर निकालने का यंत्र ।

22. मिश्रित कृषि :- कृषि + पशुपालन

23. करहा :- भूमि को समतल करने का यंत्र

24. पाटा :- जुताई के पश्चात भूमि को समतल बनाने व ढेले तोड़ने का यंत्र ।

25. नायला :- बीज बुवाई का यंत्र

26. रिजमेकर:- मेड़ व क्यारियां बनाने का यंत्र

27. कलपा :- खरपतवार निकालने (निराई-गुड़ाई) का यंत्र ।

28. बुलक:- बधियाकृत नर पशु
➤ उपयोग - अधिक मांस उत्पादन, कृषि कार्य हेतु

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