Animal Husbandry : Determining Age, Body Weight Or Dehorning Cattle

पशुपालन में पशुओं की आयु , शरीर भार ज्ञात करना व  सींग रोधन करने की महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है जिनसे पशुपालन में पशुओं की आयु, शरीर भार व  सींग रोधन करने में या अध्ययन करने में महत्वपूर्ण सहायक हैं।

Determining the age of animals | पशुओं की आयु ज्ञात करना


पशुओं की आयु ज्ञात करना :-

➤ गाय व भैंस की औसतन आयु 20-23 वर्ष, भेड़-बकरी - 10-15 वर्ष, ऊँट- 40-45 वर्ष होती है।
➤ गाय व भैंस में पहले से तीसरे ब्यात तक दूध उत्पादन बढ़ता है, तीसरे से पाँचवे तक स्थिर व पाँचवे ब्यात के
बाद घटना शुरू हो जाता है।

पशुओं की आयु ज्ञात करने की चार विधियाँ है-

(1) शारीरिक दशा देखकर :-
चमकदार त्वचा, रींगों की आकृति, मजबूत शरीर, आंखे, कार्य क्षमता, सीधी पीठ, स्वभाव आदि को देखकर।
(2) खुर देखकर :- खुरों का आकार आकति, चमकीलापन व त्वचा से सटे हुए ।
(3) सींगों द्वारा :- पशु के सींग पर तीन वर्ष की आयु में एक छल्ला बनता है, इसके पश्चात प्रत्येक वर्ष एक छल्ला बनता जाता हैं, छल्लों की संख्या को गिनकर आयु का अनुमान लगाते है ।
➤ भैंसों में छल्ले स्पष्ट दिखाई देते हैं तथा गाय में कम स्पष्ट दिखाई देते हैं।
सूत्र :- 2 + छल्लों की संख्या
(4) दाँत द्वारा :- आयु ज्ञात करने की सर्वोत्तम व वैज्ञानिक विधि है।
➤ पशुओं के दांतों की दशा देखकर एंव दांतों की संख्या गिनकर आयु का अनुमान लगाते हैं।


दाँत चार प्रकार के होते हैं-

(1) कर्तन दांत ( Incisor teeth )
- [I]
➤ यह जुगाली करने वाले पशु के निचले जबड़े में पाए जाते हैं।
➤ इन्हें काटने वाले दांत भी कहते हैं। मुख्यत आयु इन्हीं दांतों द्वारा ज्ञात की जाती है।
➤ इनमें पहला दांत केन्द्रीय दांत, दूसरा दांत मध्य, दीसरा दांत पार्श्व व चौथा दांत कोने की जोड़ी के नाम से जाना जाता है।
➤ संख्या - 4 जोड़ी या 8 दांत

(2) कील दांत (Canine teeth) - [C]
➤ यह दांत जुगाली करने वाले पशुओं में नहीं पाए जाते है।
➤ संख्या - 2 जोड़ी या 4 दांत
उदा० - सूअर, कुत्ता, बिल्ली आदि ।

(3) अग्रचवर्णक दाँत (Pre-Molar teeth )- [PM]
➤ यह दांत दोनों जबड़ों में दोनों तरफ ऊपर व नीचे पाए जाते हैं।
➤ संख्या 6 जोड़ी या 12 दांत

(4) चवर्णक दाँत (Molar) – [M)
➤ यह दांत दोनों जबड़ों में दोनों तरफ ऊपर व नीचे पाए जाते है ।
➤ यह दांत स्थायी होते है।
➤ संख्या - 6 जोड़ी या 12 दांत

दंत सूत्र (Dental formula) :- I/I + C/C + PM/PM + M/M
➤ अस्थाई दांतो की संख्या -20
➤ स्थाई दांतो की संख्या - 32
दंत विन्यास
➤ अस्थाई दंत विन्यास - ( 0/4 +0/0 + 3/3 + 0/0 ) x 2 = 20
➤ स्थाई दांत विन्यास - ( 0/4 +0/0 + 3/3 + 3/3 ) x 2 = 32

दन्त्यू पूर (Dental pad):- ऊपरी जबड़े में कर्तन दांत की जगह उत्तकों की एक कठोर परत पायी जारी
है, जिसे दन्त्यू पूर कहते हैं। यह कर्तन दांत के चारा काटने में मदद करते है।
भरा मुख (Full Mouth) :- ऐसा पशु जिसके सभी स्थायी दांत आ गये हो ।
टूटा मुख (Broken Mouth) :- जिस पशु में एक या एक से अधिक स्थायी दांत गिर गया हो ।
पोपला मुख (Gummer ) :- अधिक उम्र का वह पशु जिसके सभी स्थायी दांत गिर गये हो ।
अस्थाई दांत (दूध के दांत / Milk teeth / Temporary teeth ) - ये दांत जन्म से समय या 1 माह के अंदर निकल आते हैं, बाद में ये दांत गिर जाते हैं और इनके स्थान पर नये स्थाई दांत निकलते हैं।
स्थाई दांत (Permanent teeth) - ये दांत अस्थाई दांतों के गिरने के बाद निकलते हैं, लेकिन चवर्णक दांत स्थाई ही निकलते हैं।
➤ Pre Molar व Molar teeth को सयुंक्त रुप से कपोल दांत (Cheek teeth) कहते है। इनमें से पहले तीन दाढों को अग्रचवर्णक तथा शेष तीन दाढों को चवर्णक कहते है ।
➤ पहला अग्रचवर्णक सबसे छोटा व अंतिम चवर्णक सबसे बड़ा होता है।
➤ जन्म से 1 माह के अंदर आठों अस्थाई काटने वाले दांत व अस्थाई अग्रचवर्णक दांत जबड़े में निकल आते है ।
➤ दो वर्ष की उम्र में प्रथम स्थारी दांत (कर्तन दांत ) का जोड़ा निकलता है।
➤ अन्य पशुओं में दांतों की संख्या :- ऊँट दांत - 34
➤ घोड़े - 40-42, कुत्ते- 42, बिल्ली-30
➤ सूअर 44 खरगोश-28
➤ भेड बकरियों को पांच वर्ष की आयु में प्रौढ़ माना जाता है।
➤ बकरियों में 1 वर्ष की आयु में सभी अस्थाई कर्तन दांत निकल आते हैं।
➤ पांच वर्ष की आयु में सभी स्थाई दांत निकल जाते हैं तथा पांच वर्ष के बाद ये दांत घिसना शुरू हो जाते हैं। व बकरियों में तेजी से बुढ़ापा आने लगता है।


गाय व भैंसों के विभिन्न दांत तथा उनके निकलने का समय
➤ जन्म के प्रथम सप्ताह - प्रथम अस्थाई कर्तन दांत का जोड़ा
➤ दूसरा सप्ताह - दूसरा अस्थाई कर्तन दांत का जोड़ा
➤ तीसरा सप्ताह - तीसरा अस्थाई कर्तन दांत का जोड़ा
➤ चौथा सप्ताह या एक माह - चौथा अस्थाई कर्तन दांत का जोड़ा
➤ 1 माह आयु - सभी अस्थारी अग्रचवर्णक दांत
➤ 6 माह - चवर्णक दांत का प्रथम जोड़ा
➤ 1.5 वर्ष - चवर्णक दांत का दूसरा जोड़ा
➤ 2 से 2.5 वर्ष - चवर्णक दांत का तीसरा जोड़ा व कर्तन दांत का प्रथम
स्थाई जोड़ा
➤ 2.25 से 2.5 वर्ष - अग्रचवर्णक दांत का पहला व दूसरा स्थाई जोड़ा
➤ 2.5 से 3 वर्ष - कर्तन दांत का दूसरा स्थाई जोड़ा
➤ 3 से 3.5 वर्ष - कर्तन दांत का तीसरा स्थाई जोड़ा, अग्रचवर्णक दांत का तीसरा जोड़ा
➤ 4 से 4.5 वर्ष - कर्तन दांत का चौथा स्थाई जोड़ा


भेड व बकरियों के दांत निकलने का समय
संभावित आयु (माह में) - कर्तन दांत
जन्म के समय - 0 से 2 जोडी अस्थारी
6 से 10 - सभी अस्थाई
14 से 20 - प्रथम जोडी स्थाई
21 से 25 - द्वितीय जोडी स्थाई
28 से 30 - तृतीय जोडी स्थाई
31 से 36 - चौथी जोडी स्थाई


Determining Body Weight of Animals | पशुओं का शरीर भार ज्ञात करना


पशुओं का सूत्र द्वारा भार ज्ञात करना :-


➜ शरीर भार ज्ञात करने के उद्देश्य -

➤ संतुलित आहार निर्धारण ।
➤ स्वास्थ्य की जानकारी
➤ मांस व औषधि की मात्रा का निर्धारण ।
➤ उत्तम प्रजनन (Buffalo Heifer 250-270 kg)
➤ अनुसंधान कार्य
➤ वृद्धि दर ज्ञात करने के लिए (बछड़े का शरीर भार 400-500 ग्राम प्रतिदिन बढ़ता है)
➤ पशुओं का शरीर भार उस पशु के शरीर के विभिन्न मापों जैसे लम्बाई, ऊँचाई, उदर घेरा, हृत घेरा पर निर्भर करता है।
➤ इसके द्वारा पशुओं का अनुमानित शरीर भार ज्ञात किया जा सकता है। ये माप निम्न प्रकार ही जाती हैं-
1. लम्बाई :- कन्धे के अग्रिम बिन्दु (Point of shoulder) से अपलास्थि बिन्दु (Point of pin bone) तक लम्बाई मापी जाती है।
➤ यह लम्बाई फीते द्वारा मापी जाती है।
2. हृतघेरा :- सीने के चारों ओर की परिधि हृतघेरा / हृतगर्त कहलाता है।
➤ यह लम्बाई फीते द्वारा मापी जाती है ।
3. उदरघेरा :- जांघ के जोड़ के आगे से पेट के चारों ओर का घेरा उदर घेरा कहलाता है ।
 
शरीर भार ज्ञात करने की दो विधियां हैं-
1. मशीन या कांटे द्वारा - पशु का भार ज्ञात करने से लगभग 24 घंटे पूर्व आहार तथा 8 घंटे पूर्व पानी देना बंद कर देते हैं।
2. सूत्र द्वारा
(i) अग्रवाल सूत्र (सेर में)
(ii) मलिक का सूत्र ( भैंस हेतु)
(iii) हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा दिया गया सूत्र (हरियाणवी नस्ल हेतु )
(iv) शेफर का सूत्र : - वैज्ञानिक शेफर द्वारा दिया गया
शेफर का सूत्र (पौंड में) = लम्बाई इंचों में x (हृतघेरा इंचों में )^2 / 300
उदा० एक गाय जिसकी लम्बाई 50 इंच व हृतघेरा 70 इंच है तो उसका भार ज्ञात किजिये?


शेफर का सूत्र = 50x [70]^2 / 300 = 816.66 पौंड (816.66 x 0.454 = 370.3 किलोग्राम)
1 पौंड = 0.454 kg
1Kg. = 2.205 पौंड



Dehorning in Cattle | पशुओं में सींग रोधन


पशुओं का सींग रोधन रोधन :- (डिहॉर्निंग / डिसबडिंग)

➤ सींग रोधन की उपयुक्त उम्र 1-2 सप्ताह है ।
1. रासायनिक विधि :-
➤ सींगरोधन की सबसे उपयुक्त एंव वैज्ञानिक विधि है ।
➤ इस विधि में NaOH व KOH (कास्टिक पोटाश ) रसायन की छड़ काम में ली जाती है ।
➤ उपयुक्त उम्र :−7-15 दिन

2. गर्म छड़ द्वारा :-
➤ सुरक्षित विधि नहीं है ।
➤ कीड़े पड़ने का खतरा रहता है।

3. इलेक्ट्रॉनिक डिहॉर्नर विधिः-  इस विधि में 1000°F पर डिहार्नर यंत्र को गर्म करके 10 सेकेण्ड तक सींग कलिका पर रखा जाता है, जिससे सींग कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं और उसके सींग वृद्धि नहीं कर पाते
हैं।

4. इलास्ट्रेटर/रबर बैंड विधि :- यह विधि 10 सेमी तक लम्बे सींग वाले या छोटे सींग वाले पशुओं में उपयोगी है।
➤ इस विधि में सींग रोधन मे 3-6 सप्ताह का समय लगता है ।
➤ उदाहरण- भेड. व बकरी

5. आरी द्वारा :- यह विधि अधिक उम्र वाले व बड़े सींग वाले पशुओं में उपयोगी है।


Post a Comment

Previous Post Next Post