Orchard Management in Horticulture Important Question Answer Online Mock Test Series | उद्यान एवं फलोद्यान प्रबंधन के महत्वपूर्ण प्रश्न उतर का मॉक टेस्ट यहाँ से लगाए। उद्यान विज्ञान में फलोद्यान प्रबंधन का विशेष महत्व है इस टॉपिक के सभी महत्वपूर्ण प्रश्नो का ऑनलाइन टेस्ट हमारे द्वारा तैयार किया गया है।
उद्यान विज्ञान (Horti Culture)
👉 कृषि विज्ञान की वह शाखा जिसमें फल ,फूल तथा सब्जियों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है।
👉 होर्टिकल्चर शब्द लेटिन भाषा के दो शब्दो Hortus तथा Culture से मिलकर बना है।
👉 उद्यान विज्ञान शब्द डॉ. विलियम केरी ने दिया।
उद्यान विज्ञान की निम्न शाखा है।
- 1. पोमोलोजी - फलों का अध्ययन
- 2. ओलेरीकल्चर - सब्जियों का अध्ययन
- 3. फ्लोरीकल्चर - फूलों का अध्ययन
- 4. आरबोरीकल्चर - वृक्ष व झाड़ियों का अध्ययन
- 5. फल एवं सब्जी परीरक्षण
भारत में फलों एवं सब्जियों की स्थिति
👉 भारत विश्व में निम्न फलों में प्रथम स्थान है - आम, केला, चीकू , खटे नींबू, अंगूर।
👉 विश्व में सब्जी उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। तथा पहले स्थान पर चाइना देश है।
👉 विश्व की 13 प्रतिशत सब्जियाँ भारत में उगाई जाती है।
👉 भारत (2014-15) में सब्जियों के अन्तर्गत सर्वाधिक क्षेत्र यू.पी. व उत्पादन बिहार व उत्पादकता तमिलनाडू की है।
👉 विश्व में भारत को मशालों का घर कहा जाता है।
👉 राष्ट्रीय उद्यान बोर्ड की स्थापना 1984 में गुड़गाव (हरियाणा) में की गई।
👉 विश्व में फल उत्पादन में भारत का 10 प्रतिशत योगदान है।
👉 भारत में फल उत्पादन की दृष्टि से केला 60 प्रतिशत, आम 23 प्रतिशत, नींबू 10 प्रतिशत होता है।
👉 भारत में क्षेत्रफल की दृष्टि से आम (39%), नींबू (48%), केला (13 %) है।
👉 भारत (2014-15) में फल उत्पादन की दृष्टि से अग्रणी राज्य क्रमशः महाराष्ट्र (15%)) आन्ध्र प्रदेश, (12%) तमिलनाडू, यू.पी गुजरात, बिहार, राज्य में होता है जबकि राजस्थान का लगभग 18वां स्थान है।
👉 भारत में फल क्षेत्रफल की दृष्टि से महाराष्ट्र आन्धप्रदेश कर्नाटक राज्य में होता है।
👉 भारत में 2016-17 में कुल उद्यान की फसलों का उत्पादन 287 मिलियन टन था तथा क्षेत्रफल 24.2 मिलियन हैक्टयर था।
👉 भारत वर्ष में 2014-15 में लगभग 9.40 मिलियन हैक्टयर क्षेत्र में सब्जियों की एवं 7.21 मिलियन हैक्टयर क्षेत्र में फलों की खेती की जा रही है।
👉 भारत में 2016-17 में सब्जियों का कुल उत्पादन 168.6 मिलियन टन रहा है।
👉 भारत में 2016-17 में फलों का कुल उत्पादन 92 मिलियन टन रहा है।
👉 जबकि राजस्थान का कुल फल उत्पादन 0.73 मिलियन टन है। जो लगभग 0.85 प्रतिशत है।
👉 भारत में सब्जियों में सर्वाधिक मात्रा में आलू (26.68) का उत्पादन होता है। द्वितीय स्थान पर प्याज (12.24%) है।
👉 राजस्थान में 2015-16 में सब्जियों का कुल उत्पादन 20.21 लाख टन रहा है। यह भारत का 120% है।
👉 राजस्थान में 2015-16 में फलों का कुल उत्पादन 6.51 लाख टन रहा है। यह भारत का मात्र 0.73% है।
👉 भारत का कुल फलों के अंतर्गत क्षेत्रफल 6.10 मिलियन हैक्टयर है जबकि राजस्थान का कुल फलों के अंतर्गत क्षेत्रफल मात्र 40500 हैक्टयर है। जो भारत की तुलना में बहुत कम है।
👉 विश्व में फल उत्पादन सम्बन्धित पहली पुस्तक सन् 1056 ईसा पूर्व में लीची पर लिखी गई।
👉 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के उद्यान विज्ञान के प्रथम डी.डी.जी. डॉ. के.एल चड्डा है।
👉 राष्ट्रीय बागवानी मिशन की स्थापना 2005 में की गई।
👉 राजस्थान में उद्यान निदेशालय की स्थापना 1989 में जयपुर में हुई।
👉 ICMR के अनुसार 85 ग्राम प्रतिदिन फलों की आवश्यकता होती है जबकी 46 ग्राम प्रतिदिन प्राप्त हो रहा है तथा राजस्थान में प्रति व्यक्ति 24 ग्राम प्रतिदिन प्राप्त हो रहा है।
👉 भारत में ICMR के अनुसार प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 285-300 ग्राम सब्जियों की आवश्यकता है जबकि उपलब्ध 145 ग्राम हो रही है। राजस्थान में प्रति व्यक्ति 51 ग्राम सब्जी उपलब्ध हो पा रही है। सब्जी 125 ग्राम पत्तेदार + जड़ वाली सब्जी 100 ग्राम + 75 ग्राम अन्य सब्जी की आवश्यकता होती है।
👉 भारत के कुल कृषि उत्पादन में उद्यान का योगदान 29.5 प्रतिशत है।
👉 भारत वर्ष में 2020 तक कुल 127.2 मिलियन टन सब्जियों की आवश्यकता होगी।
👉 विश्व में फल उत्पादन के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र भारत में है।
👉 राजस्थान में प्राकृतिक रूप से उगने वाले फलवृक्ष केथ, सागरी, झरबेरी है।
👉 राजस्थान के शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों के लिए सर्वाधिक प्रचलित फल बेर व खजूर है।
👉 फलन पर सर्वाधिक प्रभाव तापमान का होता है।
2015-16 में फल उत्पादन में प्रथम स्थान का
फल राजस्थान भारत
आम बाँसवाड़ा उत्तर प्रदेश
केला बाँसवाड़ा तमिलनाडू
नींब भरतपुर आन्ध्रप्रदेश
संतरा झालावाड़ नागपुर (महाराष्ट्र)
पपीता भरतपुर,जालौर कर्नाटक
अगूर श्रीगगानगर महाराष्ट्र
मौसमी,किन्नों,माल्टा | श्रीगंगानगर | महाराष्ट्र
चीकू राजसमंद कर्नाटक
बेर चोमू (जयपुर) मध्यप्रदेश
अनार जोधपुर महाराष्ट्र
अमरूद | सवाईमाधोपुर | महाराष्ट्र
खजूर | बीकानेर/जैसलमेर | राजस्थान
आंवला जयपुर
फल एवं सब्जियों का महत्व :-
(A) भोजनात्मक महत्व -
1. विटामिन -
- (I) जल में घुलनशीलन विटामिन B व C होते है।
- (II) वसा में घुलनशील विटामिन A.D.E.K होते है।
👉 विटामिन A (केरोटिन, रेटिनोल)- विटामिन A की कमी से शरीर की बढवार रूक जाती है। तथा मुख्य रूप से रतौधी रोग हो जाता है।
प्राप्ति स्त्रोत-
फल - आम > पपीता > परसीमोन > खटहल > खजूर।
सब्जियां - गाजर > शलजम > टमाटर > पत्तेदार सब्जियां।
पत्तेदार सब्जियां- बथवा की पत्तियाँ > अरबी की पत्तियों >पत्तागोभी > मूली की पत्तियों में।
👉 विटामिन B, (थाइमिन)- इस विटामिन की कमी से व्यक्ति को भूख कम, वजन में कमी, लखवा, गले में सूजन आ जाती है। तथा मुख्य रूप से बेरी-बेरी रोग हो जाता है।
प्राप्ति स्त्रोत -
फल - काजू > अखरोट > बादाम > खुमानी > केला > सेव > लीची।
सब्जियां - मिर्च > मटर > सेम > टमाटर।
👉 विटामिन B, (राइबोफ्लेविन)- इस विटामिन की कमी से मुख्य रूप से किनारो से होट का फटना, बार-बार छाले होना, ऑखो का लाल रहना तथा शरीर के त्वचा फटने लगती है।
प्राप्ति स्त्रोत-फल- बिल पत्र, पपीता, काजू, लीची, पाइनेपल।
सब्जिया- मैथी की पत्तियॉ, प्याज, मटर, गाजर, बैंगन, टमाटर।
👉 विटामिन B3 - इस विटामिन को नियासिन या निकोटेनिक अम्ल भी कहते है।
👉 विटामिन B5 - (पेन्टोथेनिक अम्ल) - इस विटामिन की कमी से प्रेलेगा रोग, मसूडो में सूजन, जीभ पर लाल चकते पड जाते है।
👉 विटामिन B6 - (पाइरोडोक्सीन) – इस विटामिन की कमी से शरीर में खून की कमी हो जाती है। जिसकी कमी के कारण ऐनीमिया रोग हो जाता है।
👉 विटामिन B12 - (साइनो कोबोलमिन)-यह विटामिन कोबाल्ट का निर्माण करता है तथा इसकी कमी से शरीर में रक्त की कमी हो जाती है।
👉 विटामिन C (एस्कोर्बिक अम्ल) - इस विटामिन की कमी से स्कर्वी रोग हो जाता है। तथा दाँत व मसूडे खराब हो जाते है।
प्राप्ति स्त्रोत- बारबडोस चेरी > ऑवला > अमरूद > नींबू > कच्चा आम > बेर |
सब्जियां- धनिये की पत्तियों में > हरीमिर्च > पतागोभी > आल ।
👉 विटामिन D (केल्सीफिरोल) - इस विटामिन की कमी से सुखना रोग (रिकेटस) हो जाता है।
प्राप्ति स्त्रोत - सूर्य की सुबह की ताजा धूप,
सब्जियॉ-मटर, हरीमिर्च, आलू, शलजम, कसावा, 'शकरकन्द।
फल - खजूर (67.30%),करोदा (67.10%), केला (14-36%) |
👉 विटामिन E (टोकोफिरोल) - इस विटामिन को बध्यता रोधी विटामिन भी कहते है।।
प्राप्ति स्त्रोत - पत्ता गोभी, गांठ गोभी,सलाद, मटर, प्याज।
फल - पपीता, आम, अनानास, अखरोठ, बादाम, काजू
👉 विटामिन G - इस विटामिन को रेडोप्सीन भी कहते है
प्राप्ति स्त्रोत - सलाद, हरी सब्जियां।
👉 विटामिन K (फाइलोक्युनोन) - इस विटामिन की कमी से रक्त का थक्का नही बनता है।
प्राप्ति स्त्रोत - पाइनेप्पल।
(2) वसा -
👉यह शरीर को शक्ति एवं ऊर्जा प्रदान करती है। इसकी कमी से शरीर का वजन कम हो जाता है। 1 ग्राम वसा मात्रा से 9.3. ऊर्जा प्राप्त होती है।
प्राप्ति स्त्रोत - अखरोट (64.50%), बादाम (58.90%), काजू (46.9%), एवोकेडो (22.80%)
सब्जियाँ - आलू (11.8ग्राम प्रति 100ग्राम)
(3) प्रोटीन -
👉 इसकी कमी से क्वास्योकोर रोग हो जाता है एवं प्रोटीन कोशिका व ऊतकों को बनाने के लिए सहायक होती है। अर्थात शरीर निर्माण के लिए और 1 ग्राम प्रोटीन के विघटन से 4 kcl ऊर्जा प्राप्त होती है।
प्राप्त स्रोत –
फल – काजू (21.20%) > बादाम (20.80%)>अखरोट (15.17%) में पाया जाता है।
👉 सब्जियां - लेम्यूमिनेसी कुल की सब्जियाँ जैसे- सेम > मटर > चवला
(4) खनिज पदार्थ -
(I) कैल्शियम - इसकी कमी से औरतों में ओस्टोमलेशिया रोग हो जाता है। तथा बच्चों में रिकेट्स रोग हो जाता है।
👉 प्राप्ति स्त्रोत - लीची > अखरोट > करौंदा > बादाम > आंवला > अमरूद आदि।
👉 सब्जियाँ – गाजर > प्याज > पत्ता गोभी > सलाद।
(II) लोहा - लोहा O2 सवाहक का कार्य करता है। इस की कमी से ऐनिमिया रोग हो जाता है।
👉 प्राप्ति स्त्रोत - करौंदा > खजूर > अनार ।
👉 सब्जी - चौलाई, पालक, मैथी।
(III) फास्फोरस- फास्फोरस अम्ल तथा क्षार सन्तुलन में मदद करता है।
👉 प्राप्ति स्त्रोत - बादाम > काजू > अमरूद
👉 सब्जियां- लहसुन > चौलाई > पालक > चुकन्दर > मैथी
(IV) आयोडिन - इसकी कमी से घेंघा रोग (गोइटर) रोग हो जाता है।
(5) कार्बोहाइट्रेट -
👉 यह शरीर का तापमान बनाये रखने एवं शक्ति प्रदान करने के लिए आवश्यक है। श्वसन में 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट का विघटन से 4 किलो कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।
👉 प्राप्ति स्रोत - किशमिश (72%)>खजूर (65%)> केला (27%)
सब्जियाँ- टोपीयोका > कसावा।
- 6. प्रति हेक्टयर फल व सब्जियो की पैदावार अधिक होती है।
- 7. फल प्रति ईकाई क्षेत्र अधिक कैलोरी ऊर्जा देते है।
- 8. दवाइयाँ बनाने में जैसे आँवले से डाबर च्यवनप्राश बनाने में।
- 9. पेट सम्बधित बिमारियों को दूर करने में पपीता एंव बीलपत्र सहायक है।
- 10. चक्कर आने पर सन्तरे का जूस पीना चाहिए। |
- 11. अनुपजाऊ व ऊसर भूमि पर कम लागत द्वारा अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है। उदाहरण-करौदा, इमली, फालसा, खजूर आदि।
- 12. धार्मिक महत्व - बीलपत्र का उपयोग भगवान शिव की पूजा में। आम व पीपल का हवन के रूप
- 13. रोजगार उपलब्ध कराना ।
- 14. मृदा के उर्वरा शक्ति बढ़ाना - जैसे पत्तियो के निचे गिरने पर यह सड़ गल कर खाद का निर्माण करती है।
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