Animal Husbandry : Farm Management Animal, Poultry

पशुपालन में पशुओं एवं मुर्गियों के आवास का स्थान, आवास की साइज और आवास की विधि/प्रणाली की महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जिनसे पशुपालन में पशुओं एवं मुर्गियों के आवास निर्माण में आवास साइज, स्थान और विधि/प्रणाली का चयन करने में या अध्ययन करने में महत्वपूर्ण सहायक हैं।

पशुओं में आवास प्रबंधन

आवास :
➤लम्बाई उत्तर दक्षिण व चौड़ाई - पूर्व-पश्चिम
➤ यह दो प्रकार की विधि होती है खुला व बंद आवास विधि।

(1) खुला आवास विधि :- इस विधि में 2/3 भाग खुला तथा 1/3 भाग बंद / छायादार रखा जाता है ।
➤ राजस्थान के लिए उपयुक्त विधि है ।
➤ ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलित ।

(2) बंद आवास विधि :- शहरी क्षेत्रों में प्रचलित विधि |
➤ जहां पशुओं का बांधा जाता है उसे स्टेचिन बोन कहते है।
➤ यह भी दो प्रकार की होती है एकल व द्वि पंक्ति विधि 
(I ) एकल पंक्ति विधि - 8-10 पशुओं तक अपनाई जाती है । (कम पशुओं हेतु )

(II) द्वि पंक्ति विधि - 80–100 पशुओं तक अपनाई जाती है। (अधिक पशुओं हेतु )
→ यह भी दो प्रकार की होती है-
(A) मुंह से मुंह विधि (Face to Face / Head to Head):- श्वास सम्बन्धी रोग होने की संभावना अधिक रहती है ।
(B) पूंछ से पूछं विधि (Tail to Tail) – सबसे उपयुक्त विधि है ।

➤ गाय व भैंस के आवास को शेड कहा जाता है।
➤ भेड़ व बकरी के आवास को पेन कहा जाता है I
➤ सूअर के आवास को स्टे कहा जाता है।
➤ घोडे के आवास को स्टेबल कहा जाता है ।
➤ पशुओं को चारा खिलाने का स्थान मेजर / नांद कहा जाता है।
➤ बीमार पशुओं को रखने का स्थान - आइसोलेशन बॉक्स (150 वर्ग फीट)
➤ नांद का आकार - 0.8-1 मीटर
➤ पशुओं में काविंग बॉक्स का आकार - 100- 150 वर्ग फीट

पशुओं में स्थान की आवश्यकता :-

पशुओं में स्थान की आवश्यकता



मुर्गियों की आवास प्रणाली :-

आवास :
➤ आवास मुख्यतः चार प्रकार के होते है:-
1. घर के पीछे मुर्गीपालन ( Back Yard Poultry System)
2. विस्तृत प्रणाली (Extensive system/ Free Range System) 
3. अर्द्धसघन प्रणाली (Semi Intensive system)
4.  सघन आवास प्रणाली (Intensive system )

1. घर के पीछे मुर्गीपालन ( Back Yard Poultry System): - इस विधि में व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 5-7 मुर्गियां घर के पीछे पालते है ।

2. विस्तृत प्रणाली (Extensive system/ Free Range System) :- इसे भू प्रधान रीति भी कहते है ।
➤ इस प्रणाली में मुर्गी पालन करने हेतु खुला चारण क्षेत्र होता है जहां पक्षी बिना नियंत्रण के घास के मैदानों मे घूमते रहते हैं ।
➤ इसी क्षेत्र में एक मुर्गीघर ( रैन बसेरा ) बनाया जाता है, इसमें पक्षी रात्रि के समय विश्राम करती है।
➤ स्थान की आवश्यकता :- 125 पक्षी / हैक्टेयर में
➤ अनुकूल मौसम मिलने पर 250 पक्षी / हैक्टेयर

3. अर्द्धसघन प्रणाली (Semi Intensive system) :-  यह दो प्रकार की होती है पोल्ट्री घेरा व उठाऊ मकान प्रणाली ।
(A) पोल्ट्री घेरा प्रणाली (Poultry run system) :- इस प्रणाली में पक्षी दिन में खुले क्षेत्र में घूमते है तथा रात के समय मुर्गीघर में चले जाते है ।
➤ स्थान - 50 पक्षी होने पर 270 वर्ग फुट / पक्षी
➤ अधिक पक्षी होने पर 160 वर्ग फुट / पक्षी
(B) उठाऊ मकान प्रणाली (Folding unit system) :- इस प्रणाली में मुर्गीघर तथा विचरण स्थान एक साथ ही होते है।
➤ स्थान - 5 वर्ग फुट/पक्षी
➤ मकान का आकार 20x5 फुट जिसमें 18-20 मुर्गियों को पाला जा सकता है ।

4.  सघन आवास प्रणाली (Intensive system ):- यह चार प्रकार की होती है । जिनमें गहरी बिछाली प्रणाली व पिंजरा कम प्रणाली मुख्यतः अपनाई जाती है ।
(A) गहरी बिछाली प्रणाली (Deep liter system)
(B) बिछावन अहाता प्रणाली (Straw Yard system)
(C) तार फर्श वाला घर प्रणाली (Wire floored system)
(D) पिंजरा कम प्रणाली (Battery system)

(A) गहरी बिछाली प्रणाली (Deep liter system) - इसमें आवास की बाहरी दीवारों की ऊँचाई 4 फुट रखते है ।
➤ बिछावन की मोटाई - 6 इंच (12 इंच अधिकतम)
आवास का आकार -
मुर्गियों की संख्या - लंबाई×चौडाईxगहराई (फुट में)
100 मुर्गियों के लिए - 20×15×10
200 मुर्गियों के लिए - 30×20×10
500 मुर्गियों के लिए - 60×25×10
1000 मुर्गियों के लिए - 100×30×10

(B) पिंजरा क्रम प्रणाली (Battery system ) - इस प्रणाली में पक्षियों को पालने के लिए जालीदार पिंजरे (Cage) का उपयोग किया जाता है।
➤ इसमें एक अथवा 3 - 5 पक्षियों को एक साथ रखा जाता है ।
➤ एक पक्षी के लिए पिंजरे का आकार - 25x45cm होता है।

(C) बिछावन अहाता प्रणाली (Straw Yard system) - पोल्ट्री घेरा प्रणाली व गहरी बिछाली प्रणाली के मेल से 
विकसित की गई है।

(D) तार फर्श वाला घर प्रणाली (Wire floored system) - बैटरी प्रणाली व गहरी बिछाली प्रणाली के मेल से
 विकसित की गई है।


Post a Comment

Previous Post Next Post